मिश्रित फसलोत्पादन कृषि

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मिश्रित फसलोत्पादन कृषि ( Mixed Cropping Farming ) एक ही खेत में एक साथ दो या दो से अधिक फसलों को उगाने की क्रिया को मिश्रित खेती कहते हैं । यह निम्न कई प्रकार की होती हैं -
 ( अ ) मिलवाँ या मिश्रित फसलें ( Mixed Crops)- इस विधि में दो या दो से अधिक फसलों के बीजों का मिश्रण बनाकर बोया जाता है । इनके पकने का समय प्राय : एक ही होता है जैसे - गेहूँ + चना , गेहूँ + जौ । 
( ब ) सहचर फसलें ( Companion Crops ) - इसमें दो या दो से अधिक फसलों के बीजों को अलग - अलग कतारों में बोते हैं , जैसे - सरयों की दो पंक्तियों के बीच में गेहूँ की पाँच कतार , गन्ने की फसल में गेहूँ अथवा चने की कतार , मक्का की फसल में उर्द की कतार (खरीफ में ), मक्का की फसल में मूँग की कतार
 ( जायद में )

( स ) सहयोगी फसलें ( Augumenting Crops)- इसमें मुख्य फसल की सहायता के लिए दूसरी फसल बोई जाती है , जैसे बरसीम में जापानी कपास । 
( द ) रक्षक फसलें ( Guard Crops ) - इसमें मुख्य फसल को खेत के बीच में और उसकी रक्षा के लिए सहायक फसल चारों ओर बोई जाती है , जैसे गन्ने के चारों तरफ पटसन अथवा अरहर की फसल ।

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