मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना
यह भारत सरकार, कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय, कृषि सहकारिता एवं किसान कल्याण विभाग एवं उत्तर प्रदेश सरकार के द्वारा संयुक्त रूप से चलायी जा रही योजना है। इसका कार्यान्वयन उत्तर प्रदेश के कृषि विभाग के माध्यम से रबी 2015-2016 से प्रारम्भ किया गया है। मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना का उद्देशय प्रत्येक किसान को उसके खेत की मृदा के पोषक तत्वों की स्थिति की जानकारी देना है और उन्हें उर्वरकों की सही मात्रा के प्रयोग और आवश्यक मृदा सुधारकों के संबंध में सलाह देना है ताकि लंबी अवधि के लिए मृदा स्वास्थ्य को कायम रखा जा सके।
मृदा स्वास्थ्य कार्ड
मृदा स्वास्थ्य कार्ड मृदा परीक्षण जाँच रिपोर्ट कार्ड है जिसमें सिंचित दशा में 2.5 हेक्टेयर तथा असिंचित 10 हेक्टेयर क्षेत्रफल से एक नमूना ग्रिड़ के आधार पर लिया जाता है ग्रिड़ के अन्तर्गत आने वाले समस्त कृषकों को एक समान मृदा स्वास्थ्य कार्ड दिया जायेगा। इसमें 12 पैरामीटर (मुख्य पोषक तत्व- मृदा पी०एच०, ई० सी०, जीवांश कार्बन उपलब्ध (नत्रजन), उपलब्ध फॉस्फोरस, उपलब्ध पोटाश, द्वितीय पोषक तत्व- गंधक, सूक्ष्म पोषक तत्व- जिंक, लोहा, मैग्नीज, तांबा, बोरॉन, का परीक्षण) जाँच / परीक्षणोपरांत ही कृषको को निःशुल्क मृदा स्वास्थ्य कार्ड उपलब्ध कराया जा रहा है।
मृदा परीक्षण के उद्देश्य
मृदा में उपलब्ध पोषक तत्वों का सही- सही निर्धारण कर मृदा स्वास्थ्य कार्डों के माध्यम से कृषकों तक पहुंचाना।
विभिन्न फसलों की दृष्टि से पोषक तत्वों की कमी का पता करके किसानों को स्पष्ट सूचना देना।
मृदा पोषक तत्वों की स्थिति ज्ञात करना और उसके आधार पर फसलों के अनुसार उर्वरकों / खादों को डालने की संस्तुति करना।
मृदा की विशिष्ट दशाओं का निर्धारण करना, जिसमें मृदा को कृषि विधियों और मृदा सुधारको की सहायता से ठीक किया जा सके।
संतुलित उर्वरकों के प्रयोग को प्रोत्साहित करना।
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