जी - मेल

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जी - मेल 

हिन्दी में ई - मेल आदान - प्रदान के अनुभवों में यह पाया गया है कि वेब आधारित जीमेल सेवा जो कि आपको आपके ई - मेल क्लाएंट पर एसएसएल 3 सुरक्षित पॉप 3 और एसएमटीपी मेल सेवा भी प्रदान करती है , सर्वोत्तम है । 
प्रमुखत : वेब आधारित जीमेल
 ( www.gmail.com ) आउटलुक एक्सप्रेस 6 पर भी उतनी ही आसानी से काम करता है जितना कि लिनक्स के के - मेल पर . ई - मेल क्लाइंट को जी - मेल समर्थित बनाने के लिए बस आपको ई - मेल क्लाएंट के पॉप / एसएमटीपी सर्वर को 
क्रमश : pop.gmail.com तथा smtp.gmail.com पर सेट करना होगा और एसएसएल सुरक्षा सहित पोर्ट क्रमश : 465 तथा 995 पारिभाषित करना होगा । अगर ये सेटिंग आपको कठिन प्रतीत होते हैं तो इसके लिए विस्तृत दिशानिर्देश तो हैं 
ही , एक संस्थापना योग्य फ़ाइल भी है जिसे चलाकर इन विन्यास को ( सिर्फ आउटलुक एक्सप्रेस के लिए ) आप स्वचालित रूप से सेट कर सकते हैं । जी - मेल की अन्य सुविधाएँ ये हैं जो इसे किसी भी अन्य ई - मेल सेवा से बेहतर बनाते हैं : 

1. प्रमुखत : वेब आधारित यह ई - मेल सेवा आपको पॉप 3 तथा एसएमटीपी सुविधा भी देती है । यानी आप किसी ब्राउज़र से भी ई - मेल कर सकते हैं तथा ई - मेल क्लाएंट जैसे कि आउटलुक एक्सप्रेस या के - मेल से भी जीमेल आम उपयोग के लिए मुफ़्त है । हालाकि अभी यह कुछ सीमित उपयोक्ताओं के लिए ही जारी किया गया है । 

2. इसमें आपको 2 जीबी भंडारण सुविधा मिलती है साथ ही 10 एमबी फ़ाइल अटेचमेंट की सुविधा भी ।

3. यूनिकोड हिन्दी ई - मेल के विषय फ़ील्ड भी हिन्दी में दिए जा सकते हैं तथा ई - मेल के आदान - प्रदान में याहू की तरह भाषा एनकोडिंग खंडित नहीं होता और
 ई - मेल बरकरार रहता है । 

4. इसमें ऑस्की आधारित हिन्दी जैसे कि शुषा या वेब दुनिया फ़ॉन्ट में भी काम कर सकते हैं । 

5. सुरक्षा के लिए जी - मेल एसएसएल का उपयोग करता है जिसे आप जीपीजी के जरिए और बढ़ा सकते हैं । इसमें अंतर्निर्मित स्पॉम फ़िल्टर भी है जो आपको अवांछित मेल से दूर रखता है । 

6. ई - मेल के भीतर ही गूगल खोज की सुविधा मिलती है , जो जाहिर है गूगल खोज की तरह त्वरित और समुचित होता है । 

7. इसमें एक बिलकुल नई विचारधारा युक्त ई - मेल को फ्लैग करने की सुविधा दी गई है जिससे ई - मेल को मिटाया न जाकर हमेशा के लिए अपने डाक - डिब्बे में रखे रह कर बढ़िया उपयोग में लिया जा सकता है । 

8. यह एटम तथा आरएसएस फ़ीड्स का भी समर्थन करता है जो आपके ई - मेल में इंटरनेट के ताज़ातरीन खबरों तथा अन्य आंकड़ों को स्वचालित एकत्र करता 
है । 

9. जी - मेल के जरिए किसी भी कम्प्यूटर से कहीं से भी हिन्दी यूनिकोड में काम किया जा सकता है । उदाहरण के लिए ब्राउजर आधारित छहारी जैसे ऑनलाइन यूनिकोड संपादक के जरिए काट / चिपका कर हिन्दी यूनिकोड में काम किया जा सकता है । 

10. अभी जी - मेल का बीटा संस्करण जारी किया गया है , जो नित्य प्रति निखार पर है । संभव है इसके पूर्ण संस्करण में हमें और भी अच्छे फ़ीचर मिलें ।

जी - मेल की एक खामी है कि यह जावास्क्रिप्ट पर चलता है अत : इसके लिए आपके मशीन में जावा संस्थापित होना आवश्यक तो है ही आपका ब्राउज़र जावा स्क्रिप्ट चलाने लायक होना भी आवश्यक है । उदाहरण के लिए वेब आधारित ई - मेल के लिए लिनक्स सिस्टम में मोजिला और फ़ायरफॉक्स से तो आप इसे चला सकते हैं , परंतु कॉन्करर ब्राउजर से नहीं , जिसमें जावा का कुछ सीमित समर्थन है । परंतु यह ब्राउज़र की खामी है न कि जी - मेल की । विंडोज़ सिस्टम में ऐसी कोई समस्या नहीं है चूँकि प्राय : सभी नए ब्राउजर जावास्क्रिप्ट का समर्थन करते हैं । जावास्क्रिप्ट पर आधारित होने के कारण उपयोक्ता को जी - मेल के नए संस्करणों को अलग से डाउनलोड करने की आवश्यकता नहीं होती . जब भी आप जी - मेल का उपयोग करते हैं , यह नवीनतम संस्करण ही रहता है । तथा एक बार प्रारंभ में स्क्रिप्ट के चलने में थोड़ा समय लेने के पश्चात् बाद के उपयोग में यह अत्यंत तीव्र होता है चूँकि फिर यह सिर्फ पाठ को ही डाउनलोड करता है , जो मात्र कुछ बाइटों के होते हैं । 

जी - मेल हालाकि आम उपयोग के लिए मुफ़्त जारी किया गया है , परंतु इसकी सदस्यता को आमजनों के लिए अभी खोला नहीं गया है । इस हेतु आपको किसी मौजूदा जी - मेल उपयोक्ता द्वारा आमंत्रित किया जाना आवश्यक है । हालाकि इंटरनेट पर ऐसे कई साइट हैं जहाँ से आपको जी - मेल के एकाउन्ट मुफ़्त में मिल जाएँगे ।

कुल मिलाकर जी - मेल सेवा हिन्दी ई - मेल के लिए एक धाँसू औज़ार है , जो यह तय है कि जी - मेल अभी और भी 
निखरेगा ।

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