वानस्पतिक नामः जिया मेज ( Zea mays )
👉 मक्का प्रमुख रूप से गरीब जनता का मुख्य
भोजन है ।
👉 मक्का की उपज का बहुत थोड़ा सा भाग स्टार्च - उद्योगों में खर्च किया जाता है ।
👉 मक्का के स्टीप ( Steep ) जल में एक जीवाणु ( Peneicilum notatum ) को पैदा करके पैन्सलीन दवाई तैयार की जाती है ।
👉 मक्का की प्रोटीन में ट्रिप्टोफेन ( Tryptophan ) तथा लाइसीन ( Lysine ) नामक दो अमीनो अम्ल अल्प मात्रा में पाये जाते हैं ।
👉 मक्का में विटामिन ' ए ' तथा विटामिन ' ई ' पर्याप्त मात्रा में पाये जाते हैं ।
👉 मक्का के दाने में प्रोटीन 11 % , तेल 40 % , कार्बोहाइड्रेट 66 % , क्रूड फाइबर 2.2 % , राख 1.4 % तथा एल्बुमिनोइड 10.4 % पाया जाता है ।
👉 भारत में मक्का का आगमन सर्वप्रथम 16 वीं शताब्दी में पुर्तगालियों द्वारा हुआ था ।
👉 रबी ऋतु में बोई गई मक्का की उपज खरीफ की अपेक्षा अधिक होती है जिसका कारण है :
( i ) न्यूनतर पोषक तत्वों का ह्रास ,
( ii ) न्यूनतर खरपतवारों की समस्या ,
( iii ) बेहतर जल - प्रबन्धन ,
( iv ) मृदु एवं अनुकूल तापमान ,
( v ) बीमारियों और घातक कीटों की रोकथाम
के उपाय ,
( vi ) बेहतर पादप - आधार की स्थापना ।
👉 मक्का के भ्रूण में 30-40 % तक तेल पाया जाता अन्य धान्य फसलों के अलावा मक्का में स्टार्च की मात्रा सर्वाधिक पायी जाती है ।
👉 मक्का की संकर किस्म ' गंगा सफेद -2 ' Sugarcane downey mildew रोग के प्रति सहनशील है ।
👉 मक्का एक पूपूर्वी ( Protoandrous ) पौधा है जिसमें पराग पहले बनते हैं और बीजाड़ बाद में तैयार होते हैं ।
👉 मक्का में पृथक्करण ( Isolation ) दूरी 200 मीटर रखते हैं ।
👉 मक्का में सीडलिंग अवस्था बुआई के 7 दिन बाद होती है ।
👉 मक्का का पौधा ' Monoecious ' प्रकार का है ।
👉 इस फसल में परागण की क्रिया 7 दिन में सम्पूर्ण
होती है ।
👉 मक्का में ' पर - परागण ' ( Cross pollination ) होता है ।
👉 मक्का में फूल ' एकलिंगी ' ( Unisexual ) होता
है ।
👉 मक्का का दाना एक ' केरिओप्सिस ' ( Caryopsis ) प्रकार का फल है ।
👉 मक्का C4 प्रकार का पौधा है ।
👉 मक्का में टेसलिंग ( Tasseling ) अवस्था को पुष्पावस्था ( Flowering ) भी कहते हैं ।
👉 भारत में मक्का की संकर किस्म ' VL - 54 ' 1961 में विवेकानन्द प्रयोगशाला , अल्मोड़ा द्वारा विकसित की गयी थी ।
👉 मक्का की गंगा -2 , तरुण , जवाहर , किसान , इत्यादि ब्राउन स्ट्राइप डाउनी मिल्ड्यू रोग रोधी किस्में हैं । डक्कन , जवाहर , किसान गेरुई रोग रोधी किस्में हैं ।
👉 डक्कन , रणजीत , किसान व जवाहर मौजेक रोग रोधी किस्में हैं ।
मक्का की किस्मों से सम्बन्धित महत्वपूर्ण तथ्य
👉 हिमालयन -123 ' किस्म हिमालय की पहाड़ियों खेती करने के लिए 1967 में विकसित की गई ।
👉 ' जवाहर ' , ' किसान ' , ' सोना ' तथा ' विक्रम ' किस्में 1967 में निकाली गई थी ।
👉 मक्का की ' प्रोटीना ' , ' शक्ति ' एवं ' रत्ना ' अधिक लाइसीन युक्त कम्पोजिक किस्में हैं ।
👉 ' अम्बर ' किस्म 1967 में निकाली गई ।
👉 ' आजाद उत्तम ' एवं ' शरमणि ' किस्में चन्द्रशेखर आजाद कृषि विश्वविद्यालय , कानपुर से विकसित की गई हैं ।
👉 ' कंचन ' किस्म का विकास सन् 1982 में पंतनगर कृषि विश्वविद्यालय द्वारा किया गया था ।
👉 ' शरमणि ' , ' लक्ष्मी ' एवं ' धवल ' किस्में रबी की बुआई के लिए उपयुक्त हैं ।
👉 जायद मौसम में मक्का की जल्दी पकने वाली ( 85-90 दिन ) किस्में उगाना चाहिए क्योंकि गर्म हवा
( लू ) के कारण सिल्क व परागकणों के सूखने का डर रहता है । जिसके कारण भुट्टों में दाना नहीं पड़ता ।
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