( अ ) टोज ( Toz ) - इस तरह की खेती में सदस्यगण कुछ कार्यों को आपस में मिलकर करते हैं , जैसे बीज की बुआई , खेती की जुताई और फसलों की कटाई इत्यादि , जोत सबकी अलग - अलग रहती है तथा लाभ का वितरण भूमि के आधार पर किया जाता है ।
( ब ) खोलखोज ( Kholkhoz ) - इसमें पैदावार के सभी संसाधनों जैसे भूमि , श्रम , मशीन , औजार , पशु व फार्म की इमारतों का राष्ट्रीयकरण कर दिया जाता है । किन्तु साथ ही सदस्यों को अपने निजी बगीचे , सब्जी के लिए भूमि , मकान व मुर्गी आदि रखने की भी छूट रहती है ।
फार्म को जितनी पूँजी की , जैसे घोड़ों , गायों , हलों व दूसरे औजारों के रूप में आवश्यकता पड़ती है , वे सब सदस्य स्वयं ही एकत्र करते हैं , राज्य केवल मशीन और ऋण के रूप में सहायता देता है । ( स ) कोम्यून ( Commune ) - इस प्रकार की खेती में उत्पादन का ही नहीं वरन् वितरण का भी राष्ट्रीयकरण कर दिया जाता है । कोम्यून के सदस्य अपनी भूमि व सम्पत्ति को एक जगह मिला लेते है । लाभ का बंटवारा काम की मात्रा पर नहीं वरन् सदस्यों की आवश्यकतानुसार किया जाता है ।
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