इस विधि में मुख्य फसल के साथ - साथ सहायक फसल के रूप में गौण फसल उगाई जाती है । इसमें मुख्य फसल मेंं छुटे स्थान में गौण फसल उगाकर अतिरिक्त आय अर्जित की जाती है।
जैसे - गन्ने की बुवाई लाइनों में की जाती है, दो लाइनों के बीच जो खली जगह होती है उसमें गन्नें से कम समय में पकने वाली फसल का चुनाव कर उस खली जगह में बुवाई कर दी जाती है जिससे कृषक को अधिक लाभ होता है।
उदाहरण: शरदकालीन (रबी) गन्ने की दो लाइनों के बीच गेहूँ या चना की बुवाई की जाती है।
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