कृषि के इस स्वरूप के अन्तर्गत खेती का प्रबन्ध एक निगम द्वारा किया जाता है । निगम के सदस्यों का दायित्व सीमित होता है तथा सम्पूर्ण व्यवस्था संचालक मण्डल द्वारा की जाती है। इस व्यवस्था के अंतर्गत बड़ी मात्रा में भूमि और पूंजी की आवश्यकता होती है । खेती का यह स्वरूप संयुक्त राज्य अमेरिका में प्रचलित है ।
हमारे देश में महाराष्ट्र , तमिलनाडु में चेन्नई के कुछ क्षेत्रों में भी खेती की यह प्रणाली प्रचलित है । इसके अतिरिक्त सूरतगढ़ आदि कई फार्म्स को सम्मिलित करके केन्द्रीय सरकार के अधीन , " भारतीय राज्य फार्म्स निगम लिमिटेड " ( State Farms Corporation of India Ltd. ) के अन्तर्गत व्यापारिक दृष्टि से खेती की इस प्रणाली में पूँजीवादी खेती के सभी दोष विद्यमान है । अत : निगम द्वारा संचालित खेती भारतीय दशाओं के लिए अनुकूल नहीं है ।
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